आखिरी वक़्त
आखिरी वक़्त
आखिरी वक्त आखिरी क्या था
एक आखिरी सवाल
एक आखिरी आह!
और आखिर में अलग होते रास्ते।
पथरा गए किवाड़ों पर
कान धर के खड़ा हूँ
आखिरी दस्तक के इंतज़ार में
आख़िरी भ्रम ओढ़े हुए।
एक आखिरी सवाल
एक आखिरी आह!
और आखिर में अलग होते रास्ते।
अतीत के दुःखों का दर्द
आखिरी हौसले के साथ
एक आखिरी कोशिश में नहीं बदला।
पथरा गए किवाड़ों पर
कान धर के खड़ा हूँ
आखिरी दस्तक के इंतज़ार में
आख़िरी भ्रम ओढ़े हुए।
अब सोचता हूँ कि
सबसे आखिर में, आखिरी क्या होगा
एक आखिरी हंसी
एक आखिरी आंसू
या एक आखिरी पश्चाताप।
--अशोक कुमार
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