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पेड़

September 24, 2022
  पेड़ यहां मेरे घर के सामने बहुत से पेड़ हैं मैं उन्हें बस पत्तों से पहचानता हूँ उनकी गंध से पहचानता हूँ उनसे टपके द्रव के धब्बों को पहचानता ...Read More

अभी मत आना

September 23, 2022
अभी मत आना तुम प्रतीक्षा के एकाकी क्षणों में बारिश के ये सूक्ष्म कण नुकीले तश्तर से चुभते हैं शरीर पर. ये थकी उदास किरणें बादलों में सेंध मा...Read More

वह यह कहती है

October 18, 2020
  वो कहती है! मुझे चूड़ियां बंधन नहीं लगती पहनने दो न। और मैं हार जाता हूं। वो कहती है! घूँघट नहीं पल्लू रखने दो मैं सम्मान देना चाहती हूं औ...Read More

पहाड़ी औरतें

October 14, 2020
  पहाड़ी औरतें! नज़दीक ब्याही गयीं, मगर दूरियां कायम रहीं ताउम्र पार करती रहीं..... जिंदगी के उतार-चढ़ाव टेढ़े-मेढ़े रास्तों की तरह। पहाड़ी औरतें!...Read More