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Ghazals by Mumtaz Naza

Poetry by Usha

Poetry by Bandna

भ्रम

June 12, 2023
  भ्रम शायद किसी लम्बे सुनसान रास्ते का भ्रम है यह या फिर एक गहरी नींद का या शायद स्वप्नों की स्मृतियों का। एक ठोकर के बाद दुख रहा है पैर का...Read More

आखिरी वक़्त

February 27, 2023
  आखिरी वक़्त  आखिरी वक्त आखिरी क्या था एक आखिरी सवाल एक आखिरी आह! और आखिर में अलग होते रास्ते। अतीत के दुःखों का दर्द आखिरी हौसले के साथ एक...Read More

कर्ब-ए-मुसलसल

November 12, 2022
कर्ब-ए-मुसलसल तारीक फ़ज़ा में ये ज़िया दें तो किसे दें ‎ हम अपने ख़यालों की शुआ दें तो किसे दें ‎ झेलेगा भला ख़्वाबों की बेकार चुभन कौन ‎ ये जलता...Read More

शिकायत

November 08, 2022
  बारहा ठहर के माज़ी को बुलाते क्यूँ हो ‎ जा चुके हो तो फिर अब याद भी आते क्यूँ हो ‎ डर न जाए कहीं दिल चीखते सन्नाटे से ‎ शब है तारीक अभी शमअ...Read More

मैं जितना देह में था

November 08, 2022
मैं जितना देह में था उतना ही देह से बाहर रहा जुलूसों में कुचला नारों में उछला झंडों में फड़फड़ाया और अंत में बीड़ी के धुयें में धुंआ होकर छाती ...Read More

तख़य्युल

October 26, 2022
तख़य्युल   ये बाब-ए-राज़-ए-उल्फ़त है ये खुलवाया नहीं जाता ‎ मोअम्मा अब किसी सूरत ये सुलझाया नहीं जाता ‎ मोहब्बत की नहीं जाती, मोहब्बत हो ही जात...Read More

लम्बी रात

October 21, 2022
  लम्बी रात यह रात इतनी लम्बी है कि प्रहरों में नहीं, कल्पों में ढल रही हैं ऐसा लगता है कि पृथ्वी भूल गयी है अपनी धुरी पर घूमना. मेरी आंखों ...Read More